विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत ने अपना पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक नैफिथ्रोमाइसिन विकसित कर लिया है। आज नई दिल्ली में एक चिकित्सा कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह एंटीबायोटिक प्रतिरोधी श्वसन संक्रमणों को खत्म करने के लिए है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह विशेष रूप से कैंसर रोगियों और कम नियंत्रित मधुमेह रोगियों के लिए प्रभावी है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि देश को अपने वैज्ञानिक और अनुसंधान विकास को गति देने के लिए एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एआई आधारित हाइब्रिड मोबाइल क्लीनिक ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कर सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार, सहयोग और करुणा का सम्मिलन देश के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा को परिभाषित करेगा।