राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि भारत ने गरीबी और भुखमरी को समाप्त करने तथा युवाओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए नीतियां लागू करके दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया है। उन्होंने नई दिल्ली में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत ने अपनी 5 हज़ार साल से ज़्यादा पुरानी सभ्यता में सहानुभूति, करुणा और सामंजस्यपूर्ण समुदाय के भीतर व्यक्तियों के पारस्पारिक जुड़ाव के मूल्यों को कायम रखा है।
राष्ट्रपति ने कमज़ोरों की आवाज़ बनने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, न्यायपालिका और मु्ख्य हितधारकों समेत अन्य आयोगों के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मानवाधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में दृढ़ प्रतिबद्धता और अथक प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने एक ऐसे विश्व के निर्माण में योगदान देने के सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि की, जहाँ न्याय और मानवीय गरिमा समाज की आधारशिला हो।