रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देकर एक मजबूत रक्षा तंत्र का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत देश की कंपनियों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण भी बना रहा है। श्री सिंह ने कहा कि देश पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान निर्मित करने और विमान के इंजन का विनिर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि फ्रांस की कंपनी सफ्रान के साथ देश में इंजन का विनिर्माण शुरू होने जा रहा है।
नई दिल्ली में आज एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने 66 हजार करोड़ रूपये की लागत से 97 तेजस युद्धक विमानों के विनिर्माण के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को एक नए आदेश की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तार एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को पहले 48 हजार करोड़ रूपये की लागत से 83 विमान निर्मित करने का आदेश दिया गया है। श्री सिंह ने देश की जीवंत रक्षा विनिर्माण तंत्र में निवेश करने के लिए सभी विदेशी कंपनियों और निवेशकों को आमंत्रित किया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना स्पोर्ट्स कार और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तुलना डंप ट्रक से की। इस बयान का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह सिर्फ ट्रोल सामग्री नहीं है, बल्कि एक खुलासा करने वाली एक स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक साथ स्वतंत्र हुए हैं। उनमें से एक देश अपने कठिन परिश्रम, सही नीति और दूरदर्शी दृष्टिकोण से एक स्पोर्ट्स कार जैसी अर्थव्यवस्था बना, जबकि दूसरा देश अपनी करतूतों के कारण विफल बना हुआ है।
श्री सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र के लिए विकास के अनुकूल वातावरण प्रदान कर रही है। भारत में युद्धक विमान, हेलिकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों सहित मेगा रक्षा कार्यक्रमों के निर्माण के लिए अवसरों के द्वार खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में घरेलू निजी कंपनियों को विश्व की बड़ी कंपनियां बनाने में मदद करेगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्यात पिछले दशक में 2013-14 के सिर्फ छह सौ 86 करोड़ रूपये से लगभग 35 गुना बढ़कर 2024-25 में 23 हजार छह सौ 22 करोड़ रूपये हो गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पाद अब लगभग सौ देशों में निर्यात हो रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि घरेलू रक्षा उत्पादन 2014 के चालीस हजार करोड़ रूपये से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में एक लाख पचास हजार करोड़ रूपये से अधिक हो गया है। यह वर्तमान वित्त वर्ष में लगभग दो लाख करोड़ रूपये तक पहुंचने की राह पर है।