प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ोर देकर कहा है कि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का भारत का संकल्प वैश्विक चर्चाओं का केंद्र बिंदु है, जो बुनियादी ढाँचे में आमूल-चूल परिवर्तन से प्रेरित है। श्री मोदी ने कल पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 5 हजार 400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
यह क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आज वैश्विक चर्चा भारत के विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के इर्द-गिर्द केंद्रित रहती है। श्री मोदी ने इसका श्रेय भारत में हो रहे परिवर्तनकारी बदलावों को दिया, जो विकसित भारत की नींव रख रहे हैं। इन बदलावों का प्रमुख पहलू सामाजिक, भौतिक और डिजिटल क्षेत्र सहित बुनियादी ढाँचा है।
श्री मोदी ने पिछले एक दशक में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया जिनमें 4 करोड़ से ज़्यादा पक्के मकानों का निर्माण, करोड़ों शौचालय, 12 करोड़ से ज़्यादा नल जल कनेक्शन, हज़ारों किलोमीटर नई सड़कें और राजमार्ग, नई रेलवे लाइनें, छोटे शहरों में हवाई अड्डे और गाँवों और घरों तक व्यापक इंटरनेट पहुँच शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कारखाने हों या खेत, हर प्रयास 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प से ही प्रेरित है। श्री मोदी ने सरकार के भावी मार्ग की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें विकास के माध्यम से सशक्तिकरण, रोज़गार के माध्यम से आत्मनिर्भरता और जवाबदेही के माध्यम से सुशासन शामिल है।
प्रधानमंत्री ने पिछले एक दशक में गैस कनेक्टिविटी पर बल देते हुए ऊर्जा क्षेत्र में भारत की अभूतपूर्व प्रगति की जानकारी दी। एलपीजी देश भर के घरों तक पहुँच रही है और वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के माध्यम से सरकार के “एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड” दृष्टिकोण पर बल दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल सहित छह पूर्वी राज्यों में गैस पाइपलाइन बिछाना शामिल है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बिहार के मोतिहारी में 7 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।