भारत की निजी क्षेत्र की कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अधिक लाभ अर्जित किए हैं। इस अवधि के दौरान कंपनियों ने कम कर्ज लिए हैं। इस वित्तीय वर्ष में प्रमुख क्षेत्रों में परिचालन लाभ मार्जिन के साथ-साथ शुद्ध लाभ मार्जिन में भी सुधार हुआ है। वहीं, कंपनियों के कर्ज में कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार परिचालन लाभ पिछले वर्ष के 4 दशमलव दो प्रतिशत से बढकर 15 दशमलव तीन प्रतिशत हो गया है। इस अवधि के दौरान टैक्स के बाद का लाभ 16 दशमलव 3 प्रतिशत अधिक हुआ और विनिर्माण क्षेत्र में 7 दशमलव 6 प्रतिशत की तुलना में सेवा क्षेत्र में 38 दशमलव एक प्रतिशत की तेज़ वृद्धि हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि सार्वजनिक कंपनियों की ब्याज भुगतान को कवर करने की क्षमता में भी सुधार हुआ है और ब्याज कवरेज अनुपात बढ़कर 4 दशमलव एक प्रतिशत हो गया है। कंपनियों ने मुख्य रूप से आंतरिक कोष को उपयोग किया। इस कारण संचय और अधिशेष में वृद्धि हुई है। रसायन, औषधि, बिजली उपकरण और वाहन क्षेत्रों में तेज वृद्धि के साथ इन कंपनियों की अचल संपत्तियों में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निजी क्षेत्र की वे कंपनियां जो शेयर बाजार में सूचिबद्ध नहीं हैं, उन कंपनियों को भी काफी लाभ हुआ है। उनके कर्ज का स्तर स्थिर बना हुआ है। निर्माण और ऊर्जा क्षेत्र अभी भी अधिक लाभ में चल रहे हैं।