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अगस्त 29, 2025 5:54 अपराह्न

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भारत का जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की दर से बढ़ने का अनुमान

भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में सात दशमलव आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पाँच तिमाहियों में सबसे अधिक है।  पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी में सात दशमलव चार प्रतिशत रही थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह छह दशमलव पांच प्रतिशत थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आज जारी पहली तिमाही के आंकडों के अनुसार नॉमिनल जीडीपी में आठ दशमलव आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई। कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि दर तीन दशमलव सात प्रतिशत रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह एक दशमलव पांच प्रतिशत थी।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में, द्वितीयक क्षेत्रों में, विनिर्माण में सात दशतलव सात  प्रतिशत और निर्माण में सात दशमलव छह प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। सरकारी अंतिम उपभोग व्यय में भारी उछाल आया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही की चार प्रतिशत वृद्धि दर की तुलना में नौ दशमलव सात प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई। सकल स्थायी पूंजी निर्माण में वार्षिक आधार पर सात दशमलव आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय में सात दशमलव शून्‍य प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की आठ दशमलव तीन प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है।