भारत और मलेशिया के बीच आज श्रम और रोजगार, आयुर्वेद तथा पारंपरिक औषधि, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, संस्कृति, पर्यटन तथा युवा और खेल के क्षेत्र में सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों के बीच लोक प्रशासन और प्रशासनिक सुधार तथा आपसी सहयोग के क्षेत्र में भी समझौते किये गए हैं।
आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
एक प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मलेशिया ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और व्यापक बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और पिछले दो वर्षों में इसमें एक नई गति और ऊर्जा आई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की और कहा कि भारत और मलेशिया के बीच आर्थिक सहयोग की अभी और भी संभावनाएं हैं। श्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग की नई संभावनाओं पर भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि भारत और मलेशिया आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।
प्रधानमंत्री ने मलेशिया के साथ फिनटेक, सेमीकंडक्टर, रक्षा उद्योग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसे नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के यूपीआई को मलेशिया के पेनेट से जोड़ने का काम किया जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत और मलेशिया के बीच व्यापार अब भारतीय रुपये और मलेशिया के रिंगगिट में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मलेशिया से भारत में पांच अरब डॉलर का निवेश हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मलेशिया आसियान और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है इसलिए भारत मलेशिया को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा समय पर पूरी हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत 2025 में आसियान की अध्यक्षता के लिए मलेशिया का पूरा समर्थन करेगा।
इस अवसर पर मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जिसमें सहयोग की प्रचुर संभावनाएं हैं, इनका पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत समृद्ध इतिहास, संस्कृति और सभ्यता वाला एक महान देश है।
बाद में, मीडिया से बातचीत में विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापार और वाणिज्य, रक्षा और सुरक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, लोगों के बीच परस्पर संबंधों और सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सतत विकास जैसे उभरते क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की।