भारत और फ़िजी ने आतंकवाद को कतई न बर्दाश्त करने की नीति अपनाने का निर्णय लिया है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ़िजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के बीच द्विपक्षीय वार्ता में आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की गई। इसमें आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की गई। दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। इस हमले में इस वर्ष अप्रैल में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। भारत और फ़िजी ने कट्टरपंथ का मुकाबला करने, आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने, आतंकी गतिविधियों के लिए नई और उभरती तकनीकों के दुरूपयोग को रोकने और आतंकियों की भर्ती से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया।
नई दिल्ली में आज विदेश मंत्रालय की सचिव नीना मल्होत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के बीच नौ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने कहा कि वार्ता में राजनीतिक सहयोग, उच्च-स्तरीय वार्ता, व्यापार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच संबंधों सहित संबंधों के सभी पहलुओं को शामिल किया गया।
भारत और फिजी ने भारत के मिशन लाइफ और प्रशांत महाद्वीप के लिए 2050 की रणनीति की भावना के अनुरूप जलवायु कार्रवाई, अनुकूलन निर्माण और सतत विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन व्यवस्था में जैव ईंधन को स्थायी ऊर्जा समाधान के रूप में प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने में अपने साझा हितों के महत्व पर बल दिया।
दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर बल दिया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर सहयोग मजबूत करने की घोषणा की।