खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि भारत इथेनॉल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता बन गया है। नई दिल्ली में कल दो दिवसीय भारत चीनी और जैव–ऊर्जा सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकार चीनी के एक मजबूत और टिकाऊ उद्योग के लिए प्रतिबद्ध है जो न केवल एक आर्थिक स्तंभ है बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में एक प्रेरक शक्ति भी है।
श्री जोशी ने देश में चीनी उत्पादन के बारे में कहा कि पिछले दशक में गन्ने की खेती में करीब 18 फीसदी की बढोतरी हुई है जबकि गन्ना उत्पादन 40 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों की बकाया राशि का भुगतान अब अतीत की बात है। खाद्य मंत्री ने देश के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में किसानों के अन्नदाता से ऊर्जादाता बनने तक की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया।
श्री जोशी ने कहा कि सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के उद्देश्य से भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए पिछले साल 19 हजार 744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है।