विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए अफ़ग़ानिस्तान की सराहना की। नई दिल्ली में डॉ. एस. जयशंकर और अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी के बीच वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में यह बात कही। उन्होंने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आपसी विश्वास को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर ज़ोर दिया। विदेश मंत्री ने भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अफ़ग़ान पक्ष की समझ की भी सराहना की। अफ़ग़ान विदेश मंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि अफ़ग़ान सरकार किसी भी समूह या व्यक्ति को भारत के विरुद्ध अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी।
विदेश मंत्री ने नंगरहार और कुनार प्रांतों में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप में हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त किया। अफ़ग़ान विदेश मंत्री ने आपदा के समय भारत द्वारा मदद और राहत पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया।
भारत ने सहायता जारी रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। अफगानिस्तान में जबरन वापस भेजे गए शरणार्थियों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत के व्यापक और उदार मानवीय समर्थन की सराहना की।
दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए खेलों, विशेष रूप से क्रिकेट में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने भारत-अफगानिस्तान एयर फ्रेट कॉरिडोर के शुरू होने का स्वागत किया।
यह कॉरिडोर दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष व्यापार और वाणिज्य को और बढ़ाएगा। नए कॉरिडोर से कनेक्टिविटी को सुव्यवस्थित करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अफगानिस्तान ने भारतीय कंपनियों को खनन क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। इससे भी द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।