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अक्टूबर 14, 2024 1:16 अपराह्न

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई@90 सम्‍मेलन को संबोधित किया

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि भारत एक विश्‍वस्‍तरीय डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना विकसित कर चुका है। इस अवसंरचना ने उच्‍च गुणवत्‍ता के डिजिटल वित्‍तीय उत्‍पादों के विकास में सुविधा प्रदान की है। उन्‍होंने कहा कि देश अब विश्‍व के तीसरे महत्‍वपूर्ण जीवंत स्‍टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का केंद्र बन चुका है। यहां एक लाख चालीस हजार से अधिक स्‍टार्टअप और एक सौ से अधिक यूनिकॉर्न हैं।

   

नई दिल्‍ली में आज आरबीआई@90 उच्‍चस्‍तरीय सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्री दास ने कहा कि वैश्विक डिजिटल क्रांति में प्रवेश करने और उसे सुधारने के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में भारत के अनुभव का लाभ अन्‍य देश उठा सकते हैं। डिजिटल मुद्रा के प्रयोग पर रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा- सीबीडीसी सीमापार निर्बाध भुगतान करने की संभावना रखती है।  उन्‍होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिसने थोक बिक्री और खुदरा सीबीडीसी दोनों का शुभारंभ किया है। श्री दास ने कहा कि मानकों और अंतरसंचालनीयता का सामंजस्य सीमापार भुगतान में सीबीडीसी के लिए महत्‍वपूर्ण होगा। यह प्रणाली क्रिप्‍टो करेंसी के साथ जुड़ी गंभीर वित्‍तीय स्थिरता चिंताओं पर काबू पाने में भी सहायक होगी।

   

वित्‍तीय क्षेत्र में ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से मिलने वाली चुनौतियों को लेकर श्री दास ने कहा कि ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर हमलों और डेटा सेंधमारी के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता जैसी नई चुनौतियां पेश कर रहा है। उन्‍होंने बैंकों और अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों को इन जोखिमों से निपटने के लिए पर्याप्‍त जोखिम निवारण उपाय करने को कहा है।

   

श्री दास ने बढ़ते ऋण पर भी चिंता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कहा कि महामारी के बाद 2023 में वैश्विक सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्‍पाद का 93 दशमलव दो प्रतिशत हो चुका है। इस ऋण का 2029 तक सकल घरेलू उत्‍पाद का सौ प्रतिशत तक बढ़ जाने की संभावना है। उन्‍होंने कहा कि बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में ऋण और सकल घरेलू उत्‍पाद के अनुपात में वृद्धि की प्रवृत्ति दिख रही है। इससे व्‍यापक वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिरता और उसके नकारात्‍मक विस्‍तार को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं।

   

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