भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) ने आज अपने 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं। नई दिल्ली में आयोजित हीरक जयंती समारोह में उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि टेलीग्राफ के आंकड़ों से लेकर डिजिटल युग की असीम संभावनाओं तक भारत का परिवर्तन एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।
60 वर्षों की यात्रा पर उपराष्ट्रपति ने उन दिनों को याद किया जब टेलीफोन कनेक्शन एक विशेषाधिकार हुआ करता था। उन्होंने कहा कि आज, प्रौद्योगिकी इस बात का उदाहरण है कि कैसे डिजिटल सशक्तिकरण प्रत्येक भारतीय के जीवन और शासन को बदल रहा है, जिससे कोई भी पीछे नहीं रहता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत का दूरसंचार क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन देख रहा है और बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि नवाचार और डिजिटल समावेशन लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईटीएस अधिकारियों की सेवा भावना इस प्रगति का केंद्र है।
इस अवसर पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आईटीएस के 60 वर्ष, टेलीग्राफ लाइनों से डिजिटल राजमार्गों तक, अभाव से प्रचुरता तक और सीमित इंजीनियरिंग क्षमता से वैश्विक डिजिटल नेतृत्व तक, भारत की यात्रा को प्रदर्शित करते हैं।
श्री सिंधिया ने कहा कि इस अवसर पर, देश एक ऐसे डिजिटल भारत के निर्माण के संकल्प को मज़बूत कर रहा है जहां हर नागरिक, सबसे व्यस्त महानगर से लेकर दूर-दराज़ के गांव तक, बिना किसी सीमा के आकांक्षाएं रख सके। हमारे संवाददाता ने बताया है कि संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया के निर्माण में सभी सेवाओं के अधिकारियों की सराहना की।