भारतीय तटरक्षक बल ने गंभीर चक्रवाती तूफान रेमल से उत्पन्न स्थिति से सफलतापूर्वक निपटने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियों के साथ बेहतरीन तालमेल किया है। यह चक्रवाती तूफान 22 मई को कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उत्पन्न हुआ था और पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश के तटों पर पहुंचने से पहले गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया था।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि तटरक्षक बल के पूर्वोत्तर क्षेत्र मुख्यालय ने एहतियाती उपाय शुरू किए थे और विभिन्न केंद्रीय तथा राज्य एजेंसियों के साथ समन्वित कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप समुद्र में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ और स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा गया। हल्दिया और पारादीप में तटरक्षक बल के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों से समय-समय पर चेतावनी जारी की गई। मछली पकड़ने वाली नौकाओं और अन्य व्यापारिक जहाजों को भी आगाह किया गया।
भूस्खलन के बाद, भारतीय तटरक्षक जहाज वराद चक्रवात के बाद का आकलन करने के लिए तुरंत पारादीप से रवाना हुआ। इसके अलावा, दो डोर्नियर विमानों ने भुवनेश्वर से उड़ान भरी और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में व्यापक स्तर पर निगरानी की।