राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज शाम सिकन्दराबाद के राष्ट्रपति निलयम में पहले भारतीय कला महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित और बढावा देने की हमारी सम्मिलित जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोक नृत्य, संगीत, कला और पारम्परिक पोषाक जैसे पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक विविधता देश की विरासत है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कला महोत्सव क्षेत्र के समुदायों और परम्पराओं के साथ नागरिकों को अवगत कराने का एक प्रयास है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह महोत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढावा देने का एक अवसर भी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह महोत्सव देश के दक्षिणी हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच एक सेतु के रूप में काम करेगा। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महोत्सव पूर्वोत्तर राज्यों के शिल्पकारों, कलाकारों और समुदायों की परम्पराओं और प्रतिभा का प्रदर्शित कर उन्हें सशक्त बनाने में सहायक होगा।
आठ दिन चलने वाले इस महोत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रपति निलयम द्वारा किया जा रहा है। भारतीय कला महोत्सव असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर के राज्यों की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पित पहला कार्यक्रम है। उद्घाटन अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णुदेव वर्मा, संस्कृति और पर्यटन मंत्री तथा पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री उपस्थित थे।