भागलपुर जिले में गंगा नदी के जलस्तर में कमी के कारण तटीय क्षेत्रों के शहर और मुहल्लो में पानी का दबाव घटा है। टीएमबीयू के प्रशासनिक भवन, कुलपति आवास में भी पानी कम हुआ है। वहीं, पिरपैती, कहलगांव, गौराडीह, सबौर, नाथनगर, साहकुंड और सुल्तानगंज की दर्जनों पंचायत के सैकड़ो गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। इधर, रुक-रुक कर हो रही बारिश से बाढ़ पीड़ितों में डर बढ़ गया है। जिला प्रशासन कई जगह बाढ़ राहत शिविरों का संचालन कर रहा है। राहत कार्य में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। बक्सर, भोजपुर, वैशाली, लखीसराय और शेखपुरा जिले मंे भी बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है। इधर, छपरा से हमारे संवाददाता ने बताया कि नेपाल में हो रही भारी बारिश के चलते गंडक नदी के जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी की संभावना है। जल संसाधन विभाग ने अट्ठाईस और उनतीस सितंबर को गंडक नदी में लगभग चार लाख तीस हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने का अनुमान जताया है। विभाग ने कहा है कि इससे गंडक नदी के तटीय प्रखंडों-पानापुर, तरैया, मकेर और परसा के निचले इलाकों में पानी के प्रवेश करने की आशंका है। इसे लेकर लोगों से सावधान रहने की अपील की गयी है साथ ही मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर रखने की सलाह दी गयी है।