हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित समिति ने शुक्रवार को विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। राजस्व मंत्री द्वारा इस संदर्भ में एक संकल्प पत्र विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। सदन ने चर्चा के बगैर इस संकल्प को स्वीकार किया।
रिपोर्ट को सदन में पेश करने से पहले कमेटी ने कई माह तक इसका अध्ययन किया था। इसके लिए समिति ने उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर राज्यों का दौर किया और वहां की भांग की खेती के अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में गैर मादक उद्देश्यों के लिए भांग की नियंत्रित खेती हिमाचल के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। भांग की खेती की संभावनाओं का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समीति का गठन किया था।
इसके आधार पर समीति ने अपनी कुछ सिफारिशों को सारकार के समक्ष रखा। भांग की खेती के लिए कमेटी ने इसके उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, आयात अंतरराज्य, निर्यात अंतरराज्य, बिक्री, खरीद, खपत या भांग की खेती की अनुमति , नियंत्रण के लिए एनडीपीएस एक्ट में संशोधन करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा कमेटी ने भांग के पौधे की अनुमति देने के लिए कुछ शर्ताें के अधीन एक सामान्य या विशेष आदेश पारित करने की बात कही है। खेती से लेकर उत्पादों के निर्माण की प्रक्रियाओं के लिए एसओपी विकसित करने को कहा है।
भांग की खेती को रेगुलेट करने के लिए एक राज्य स्तरीय प्राधिकरण का गठन करने को कहा है। इसमें बीज बैंक की स्थापना, बीज वितरण, उपज की खरीद और फार्मा इकाइयों की स्थापना के संबंध में निर्णय लेेने के लिए एकल खिडकी प्रणाली प्रदान करेगा। कमेटी ने सिफारिश की है कि कृषि, बागवानी विभाग द्वारा अनुसंधान और विश्वद्यिालय के समन्वय से बीच बैंक विकसित किए जा सकते हैं। आय का कुछ प्रतिशत अनुसंधान और विकास, जागरूकता अभियान और क्षमता निर्माण अभ्यास के लिए रखे जाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा अतिरिक्त कार्य करने के लिए राज्य आबकारी व कराधान विभाग को मौजूदा संख्या से अधिक विशेष कर्मचारी उपलब्ध करवाने की भी सिफारिश कमेटी ने की है।
रिपोर्ट पेश करने के बाद सदन से बाहर मीडिया से बात करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए भांग की खेती मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर पर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द इसके लिए एसओपी तैयार की जाएगी।