परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉक्टर ए.के. मोहंती ने कहा है कि भविष्य में खाद्य संरक्षण की प्रक्रिया में विकिरण प्रौद्योगिकी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। वे आज नवी मुंबई में विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड परिसर में भारत के पहले टंगस्टन-शील्ड, इरिडियम-192-आधारित औद्योगिक रेडियोग्राफी उपकरण रोटेक्स-I का अनावरण करने के अवसर पर बोल रहे थे। इस उपकरण को परमाणु ऊर्जा विभाग, विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड ने मिलकर विकसित किया गया है।
डॉ. मोहंती ने कहा कि वर्तमान में खाद्यान्नों का भंडारण तेजी से बढ रहा है ऐसे में इन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए रसायनों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी अपेक्षा विकिरण प्रौदयोगिकी के जरिए खादयान्नों को सुरक्षित रखना अधिक सुविधाजनक और फायदेमंद होगा। खासकर, अगर प्याज, आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखने में इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाए तो ऐसी सब्जियों को पांच से आठ महीने तक अच्छी तरह संरक्षित रखा जा सकेगा, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।