पटना उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट शराब सेवन का निर्णायक सबूत नहीं माना जा सकता है। न्यायाधीश विवेक चौधरी की एकल पीठ ने एक रिट याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
सुपौल अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय के एक लिपिक को ड्यूटी के दौरान शराब पीने के आरोप में बर्खास्त किया गया था। बर्खास्त लिपिक ने इसे पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।