ब्रिटेन की पुलिस ने कल मध्य लंदन में चार सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। हाल ही में प्रतिबंधित किए गए एक फलस्तीनी समर्थक समूह के पक्षकारों ने जानबूझकर कानून का उल्लंघन किया, ताकि सरकार को समूह पर लगाए प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य किया जा सके। पिछले महीने की शुरूआत में ब्रिटेन की संसद ने फलस्तीनी एक्शन संगठन पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित किया और इस संगठन के सार्वजनिक समर्थन को अपराध घोषित किया। इस संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा रॉयल एयरफोर्स केन्द्र में घुसकर तोड़फोड़ तथा गाज़ा पट्टी में हमास के विरूद्ध इस्रायल के हमले के लिए ब्रिटेन के समर्थन के विरोध में दो टैंकर विमानों में तोड़फोड़ करने के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया है। इस संगठन के समर्थकों का कहना है कि यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अवैध रूप से प्रतिबंधित करता है।
वहीं, हजारों प्रदर्शनकारी गाज़ा में सैन्य अभियान का विस्तार करने संबंधी इस्रायल की सरकार का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर चुके हैं। प्रदर्शनकारियों को भय है कि सरकार की योजना से बंधकों को जान का खतरा हो सकता है। गाज़ा में पचास परिवार बंधक बनाए गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें से बीस लोग अभी भी जीवित हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को उनकी रिहाई सुरक्षित करने का आग्रह किया है। इस्रायल के नेताओं ने अपनी योजना की आलोचना का खण्डन किया है। प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि यह योजना बंधकों को रिहा कराने में सहायक होगी।