एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फ़िलिस्तीन राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता दे दी है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने एक वीडियो बयान में घोषणा की कि ब्रिटेन फ़िलिस्तीन राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता दे रहा है। उन्होंने इस कदम को शांति और द्वि-राज्य समाधान की आशा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक कदम बताया।
इससे पहले कनाडा ने आज दिन में इस कूटनीतिक कदम का नेतृत्व किया और वह फ़िलिस्तीन राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता देने वाला पहला G7 राष्ट्र बन गया। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शांति के प्रति अपने देश की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि कनाडा फ़िलिस्तीन और इज़राइल दोनों के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण में अपनी भागीदारी की पेशकश कर रहा है। कनाडाई अधिकारियों ने कहा कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा हिंसा को अस्वीकार करना और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का समर्थन करना इस निर्णय का केंद्र बिंदु था।
इसके तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा ही किया, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ और विदेश मंत्री पेनी वोंग ने एक संयुक्त बयान जारी कर फ़िलिस्तीन को एक “स्वतंत्र और संप्रभु” राज्य के रूप में मान्यता देने की पुष्टि की। उन्होंने इस कदम को शांति की गति को फिर से जगाने के एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया, जिसकी शुरुआत गाजा में युद्धविराम और 7 अक्टूबर, 2023 के हमलों के दौरान बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई से होगी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के आगामी सत्र के दौरान बेल्जियम और अन्य देशों के साथ, फ्रांस के भी मान्यता की लहर में शामिल होने की उम्मीद है। ये मान्यताएँ काफी हद तक प्रतीकात्मक हैं, परन्तु ये वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक हैं और इनका उद्देश्य चरमपंथी गुटों को अलग-थलग करना और फ़िलिस्तीनी नेतृत्व के भीतर शांतिपूर्ण नेताओं को सशक्त बनाना है।
पूलसे/