गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बीएचईएल 5 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र की एक और इकाई हरिद्वार में स्थापित कर रही है। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक टीएस मुरली ने इस परियोजना का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भविष्य में गैर परम्परागत स्रोतों से मिलने वाली अक्षय ऊर्जा ही बिजली का प्रमुख विकल्प होगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष ध्यान देना होगा और भारत सरकार भी इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि 15 एकड़ क्षेत्र में बनने वाला यह संयंत्र बीएचईएल का देश के हरित ऊर्जा तथा नेट ज़ीरो लक्ष्य की प्राप्ति में एक महत्वपूर्ण कदम है।