बिहार विधानसभा चुनाव के बाद दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और महागठबंधन ने निर्णायक बहुमत हासिल करने का दावा किया है।महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बडी संख्या में मतदान के लिए राज्य के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह भारी मतदान लोगों की बदलाव की इच्छा – “बदलाव के लिए वोट” को दर्शाता है। श्री यादव ने कहा कि बिहार में बदलाव जरूर होगा और इसमें किसी भी संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है।
आज पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने एग्ज़िट पोल सर्वेक्षणों पर भी सवाल उठाए और विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सर्वेक्षणों में हेरफेर किया गया था और इन्हें आयोजित करने वाली एजेंसियों ने अपने नमूना आकार या कार्यप्रणाली के बारे में विवरण नहीं दिया था।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 2020 के चुनावों की तुलना में इस बार 72 लाख अधिक मतदाताओं ने वोट डाले। इसका अर्थ है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 29 हजार से अधिक अतिरिक्त वोट डाले गए। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और निवर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह रिकॉर्ड मतदान 2010 के विधानसभा चुनावों के नतीजों को भी पीछे छोड़ देगा और एनडीए को भारी जीत मिलेगी।
इस बीच ईवीएम और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा के बीच विभिन्न जिला मुख्यालयों के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रूप से रख दिया गया है। पूरी प्रक्रिया पर सीसीटीवी कैमरों से नज़र रखी जा रही है। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस साल के बिहार विधानसभा चुनावों में राज्य में अब तक का सबसे ज़्यादा लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुआ था। इससे पहले सबसे ज़्यादा मतदान 2000 के विधानसभा चुनावों में 62 दशमलव पांच सात प्रतिशत हुआ था।