झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी समझौता न कर पाने के लिए महागठबंधन के अपने सहयोगियों, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने उन पर सीट बंटवारे को लेकर पार्टी को असमंजस में रखने और उसे चुनाव से हटने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है।
जैसे-जैसे बिहार चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, महागठबंधन के भीतर आंतरिक तनाव उभर रहा है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन से बाहर होने की घोषणा कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और खेल मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस हार के लिए राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पार्टी इन दलों के साथ गठबंधन की समीक्षा करेगी। साथ ही यह आरोप लगाया कि वरिष्ठ सहयोगियों ने उनकी पार्टी की स्थिति को कमज़ोर किया है और गठबंधन की राजनीति के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात किया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज कुमार पांडे ने कहा कि पार्टी गठबंधन से बाहर नहीं होना चाहती थी और उसने हर संभव प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से उसे सफलता नहीं मिली । उन्होंने कहा कि यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी के खिलाफ राजनीतिक छल या विश्वास तोड़ा गया।
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव में सीटें पाने का हकदार है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गठबंधन के लिए हमेशा त्याग किया है और वह चाहती है कि गठबंधन पूरी तरह मजबूत बना रहे।