केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने आज बिहार के पटना में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के नये कार्यालय का उदघाटन किया। यह पटना के उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान में काम करने लगा है। उदघाटन के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि बिहार के हस्तशिल्प के निर्यात के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा जो तीस करोड़ का निर्यात होता है उसे आगे बढाकर तीन हजार करोड़ रुपये तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में भी हैंडलूम और हैंडीकाफ्ट के निर्यात को बढाकर 60 हजार करोड़ रुपये तक ले जाया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे शिल्पियों के उत्पाद विश्व स्तर के बने इसके लिए नयी तकनीक और विधाओं को कारीगरों को सिखाना होगा इसमें कृत्रिम बुद्धिमता और थ्री डी डिजाइन जैसी चीजों को शामिल करना होगा इससे वैश्विक बाजार में पहुंच बनाने में मदद मिलेगा । उन्होंने कहा देश को अगर पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो इन क्षेत्रों को बढावा देना होगा।
केंद्रीय मंत्री बिहार के हस्तशिल्प को मिले छह जी-आई टैग की संख्या को भी आगे बढाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे ही जीआई टैग मिलेगा विश्व के कोने कोने में बिहारी उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और राज्य के करीब डेढ़ लाख हस्तशिल्पियों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भागलपुर का एरी सिल्क को विश्व स्तर पर बढावा देने की जरुरत है ये किसी मायने में कम नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प निर्यारत संवर्धन केंद्र बिहार के शिल्पियों को हर संभव मदद देगा और हस्तशिल्प के विकास आयुक्त का कार्यालय भी मदद करेगा।