सुप्रीम कोर्ट कल उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जो चुनाव आयोग द्वारा 24 जून को चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले को चुनौती देती हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ राष्ट्रीय जनता दल, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और अन्य याचिकाकर्ताओं के दलीलों पर विचार करेगी। चुनाव आयोग ने दलील दी है कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल 7 करोड़ 24 लाख मतदाताओं में से 99 दशमलव पांच प्रतिशत ने विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान अपनी पात्रता से जुड़े दस्तावेज जमा कर दिए हैं।
अदालत इस मामले पर सुनवाई फिर से शुरू करेगी, जिसमें गैर सरकारी संगठनों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों की याचिकाएं शामिल हैं। अदालत ने पहले आयोग को निर्देश दिया था कि मतदाता सूची से बाहर हुए लोगों को ऑनलाइन दावा प्रस्तुत करने की सुविधा दी जाए। साथ ही उन्हें भौतिक रूप से दस्तावेज जमा करने का मौका भी दिया जाए।