लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। छठ को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में उत्सव का माहौल है।
महापर्व के पहले दिन आज छठ व्रतियों ने अरवा चावल, चना दाल और लौकी की सब्जी बनाकर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। छठव्रती कल खरना का अनुष्ठान करेंगे। खरना के बाद छठव्रतियों का छत्तीस घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ होगा।
छठव्रती भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य सात नवम्बर को जबकि दूसरा अर्घ्य आठ नवम्बर को देंगे। इधर, छठ घाटों की साफ-सफाई और घाटों पर अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन के साथ विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाएं और आम लोग भी जुटे हुये हैं। इस बार पटना में 102 गंगा घाटों के अलावा तिरेसठ तालाबों और 45 पार्कों में अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है।
गहरे पानी को देखते हुए घाटों की बैरिकेडिंग की गयी है ताकि अर्घ्य अर्पित करने के समय श्रद्धालु पूरी तरह सुरक्षित रहे । इसके अलावा नदियों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात रहेंगे ।
पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती छठ घाट और अन्य स्थानों पर की गयी है। इसके अलावा यातायात व्यवस्था की सुचारु रुप से संचालित करने और भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम किये गये हैं । सीसीटीवी कैमरे और स्मार्ट सिटी के तहत स्थापित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से भी विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए नजर रखी जा रही है ।
वहीं छठ घाटों पर ऊंचे वॉच टावर लगाये हैं । पहले और दूसरे अर्घ्य के दिन नदियों में निजी नौकाओं के परिचालन पर रोक रहेगी।
छठ घाटों पर प्राथमिक चिकित्सा, शौचालय, शुद्ध पेयजल और पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। छठ घाटों पर आज से लेकर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक निजी नावों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है।