निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के पहले चरण में लगभग सात करोड नब्बे लाख पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 92 प्रतिशत ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। आयोग ने कहा है कि लगभग 22 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं, सात लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए हैं और लगभग 36 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या उनका पता नहीं लगाया जा सका है। आयोग ने बताया है कि इन मतदाताओं की सही स्थिति अगले महीने की पहली तारीख तक इन फॉर्मों की जांच के बाद पता चल पाएगी। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में कई स्थानों पर नामांकित पाए गए मतदाताओं के नाम केवल एक ही स्थान पर रखे जाएंगे। उसने यह भी बताया कि कोई भी व्यक्ति इस वर्ष पहली अगस्त से पहली सितंबर तक मसौदा मतदाता सूची में किसी भी जोड़, विलोपन या सुधार के संबंध में आपत्ति दर्ज करा सकता है।
इस व्यापक अभियान में 38 जिला निर्वाचन अधिकारी, 243 निर्वाचक पंजीयन अधिकारी, दो हजार 976 सहायक निर्वाचक पंजीयन अधिकारी और लगभग 78 हज़ार बूथ स्तरीय अधिकारी तैनात किए गए थे। इसके अलावा, सभी 12 राजनीतिक दलों के स्वयंसेवक, प्रतिनिधि, 38 ज़िला अध्यक्ष और एक लाख साठ हजार बूथ स्तरीय एजेंट भी इसमें शामिल थे।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत महीने भर चलने वाला गणना प्रपत्र जमा करने का अभियान 24 जून को शुरू हुआ था जो कल समाप्त हो गया।