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जून 24, 2024 3:58 अपराह्न

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बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के तहत पचास हज़ार रूपये जुर्माना व छः माह का कारावास

बाल श्रम करवाना कानूनी अपराध है। यदि कोई बाल श्रम करवाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के तहत पचास हज़ार रूपये जुर्माना व छः माह का कारावास हो सकता है। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि बाल मज़दूरी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 1 जून से आगामी 30 जून, 2024 तक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम एक अभिशाप है तथा इसको खत्म करना हम सब का दायित्व बनता है।
उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा चाय की दुकानों, ढाबों, होटलों, कबाड़ की दुकान, ईंट भट्ठों, कारखानों व शराब की दुकानों व निर्माण कार्य स्थलों पर काम करता हुआ पाया जाता है तो इसकी सूचना जिला श्रम अधिकारी सोहन लाल के मोबाईल नम्बर 70184-54745, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह के मोबाईल नम्बर 94184-76685 और संरक्षण अधिकारी अभिमन्यु कपूर के मोबाईल नम्बर 98053-56133 पर दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से जहां बच्चों को बाल से श्रम से मुक्त करवाकर उनका पुनर्वास के साथ-साथ बच्चों को इस सामाजिक अभिशाप से मुक्ति दिलाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकथाम के लिए आम जनता के साथ-साथ कारोबारियों से भी अनुरोध है कि जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकने में समाज के प्रति उनका ये बहुत बड़ा योगदान होगा।