बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास तमोर पिंगला को छप्पनवें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया है। यह टाइगर रिजर्व दो हजार आठ सौ उनतीस वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण-एनटीसीए की सलाह पर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया है।
इस टाइगर रिजर्व में दो हजार उनचास वर्ग किलोमीटर का कोर टाइगर हैबिटेट है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। इसका बफर क्षेत्र सात सौ अस्सी वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर दो हजार इक्कीस में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी। इस अभयारण्य को मिलाकर छत्तीसगढ़ में अब चार टाइगर रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से बाघ के संरक्षण को मजबूती मिलेगी