बांग्ला नववर्ष पहला बैशाख बांग्लादेश में पारम्परिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिन की शुरूआत ढाका के ऐतिहासिक रमना पार्क के बटमूल में सांस्कृतिक समूह छायानट के भव्य प्रदर्शन के साथ हुई। इस कार्यक्रम में अभ्यास की निरंतरता के रूप में शास्त्रीय संगीत, रविन्द्र संगीत और कविता पाठ को सम्मिलित किया गया। नया वर्ष मनाने के लिए इस अभ्यास की शुरूआत 1967 में हुई थी।
पहला बैशाख बंगाली लोगों की समेकित और उल्लासपूर्ण संस्कृति का प्रतीक है। धर्म और समुदाय, वर्ग और क्षेत्र, स्त्री-पुरूष और हर उम्र की बाधाओं से परे जाकर लोगों ने पूरे बांग्लादेश में इस समारोह में भागीदारी की। इस अवसर पर ढाका में मोंगोल शोभाजात्रा सहित कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। 2016 में यूनेस्को ने इस शोभाजात्रा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है।
इस बीच रविवार शाम को उपद्रवियों द्वारा कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच पर तोड़फोड़ करने के कारण चट्टोग्राम के सांस्कृतिक संगठन सम्मिलिता पहला बैशाख उद्जापन परिषद ने बांग्ला नववर्ष समारोह को रद्द कर दिया।
बांग्ला नववर्ष 1432 के अवसर पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं।