बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जाशिम उद्दीन ने रोहिंग्याओं को अपने यहां शरण देने और अंतर्राष्ट्रीय मदद में कमी के बाद से सामने आ रही चुनौतियों पर चिंता प्रकट की है।
विदेश मंत्रालय के प्रेस वक्तव्य में उन्होंने आशा प्रकट की कि म्यांमा में रोहिंग्या मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यकों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र में होने वाले उच्चस्तरीय सम्मेलन से दुनिया का ध्यान इस ओर जाएगा और पीडित समुदाय के लिए मदद मिल पाएगी।
बांग्लादेश में वर्ष 2017 से म्यांमा से शरणार्थी के रूप में आए 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं। ये शरणार्थी कॉक्स बाजार और भासन चार में हैं।
बांग्लादेश में विदेशी मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने रोहिंग्या युवाओं के भविष्य पर चिंता प्रकट करते हुए कहा था कि उन्हें संदेश है कि यह मुद्दा जल्दी और आसानी से निपट पाएगा।