छत्तीसगढ़ में बस्तर दशहरे के तहत आज निशाजात्रा की रस्म अदा की जाएगी। बस्तर दशहरा के तहत आज रात निशाजात्रा की रस्म अदा की जाएगी। जैसा कि नाम से जाहिर है कि निशाजात्रा की रस्म आधी रात को संपन्न की जाती है। यह परंपरा रियासत काल से चली आ रही है।
अष्टमी की आधी रात को दंतेश्वरी मंदिर में पूजा अनुष्ठान के बाद माई जी को डोली को लेकर पुजारीए राजगुरू और अन्य भक्त जगदलपुर के अनुपमा चौक स्थित निशागुड़ी मंदिर पहुंचते हैं। यह मंदिर माता दंतेश्वरी और माता मणिकेश्वरी देवी का है। यहां पूजा अनुष्ठान संपन्न होता है। यह मंदिर वर्ष में एक ही बार खुलता है। वर्षों पुरानी इस पंरपरा में बस्तर राजपरिवार के सदस्य भी हिस्सा लेते हैं।
वहीं, कल 12 अक्टूबर को बस्तर दशहरा में मावली परघाव की रस्म निभाई जाएगी। इसमें दन्तेवाड़ा शक्तिपीठ से मावली माता की डोली और मां दन्तेश्वरी के छत्र को विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना के बाद परघाया जाएगा।