75 दिनों तक चलने वाले ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के आयोजन के संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल बुधवार को रायपुर में समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों ने बताया कि पर्व के दौरान पंद्रह अक्टूबर को मुरिया दरबार का आयोजन किया जाएगा। वहीं, बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा-पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स ऑपरेटर मीट, देव सराय और स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बैठक में बस्तर दशहरा पर्व के दौरान लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के संबंध में भी चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि बस्तर मड़ई के तहत 21 सितंबर को सामूहिक नृत्य कार्यक्रम, 21सितम्बर से एक अक्टूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितम्बर को बस्तर नाचा, 27 सितम्बर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितम्बर को बस्तर की कहानियां और हास्य कवि सम्मेलन तथा तीस सितंबर को बस्तर नाचा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। वहीं, दो अक्टूबर से बस्तर दशहरा की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बस्तर दशहरा पर्व चार अगस्त को हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ शुरू हो गया है, जो 19 अक्टूबर तक चलेगा। यह पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भावना का प्रतीक माना जाता है।