मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती समिति ने बलूचिस्तान में राजनीतिक गतिविधियों को दबाने के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों पर कानून को हथियार बनाने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को क्वेटा की एक अदालत द्वारा समिति की मुख्य आयोजक महरंग बलूच, शाह जी, बेबू, गुलज़ादी और बिबगर सहित अन्य नेताओं की 15 दिनों की हिरासत बढ़ाने के आदेश के बाद यह टिप्पणी आई है। कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसकी तीखी आलोचना की है।
समिति ने पाकिस्तानी अधिकारियों को आगाह किया है कि बलूचिस्तान में बढ़ते मानवाधिकार हनन के खिलाफ उनके आंदोलन को गिरफ्तारी या नेतृत्व को हिरासत में लेकर खत्म नहीं किया जा सकता।