पाकिस्तान की मानवाधिकार परिषद ने समूचे बलूचिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह “मूल अधिकारों का घोर उल्लंघन” है। इस रोक से लाखों लोगों पर असर पड़ा है क्योंकि संचार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ा है। परिषद ने चेतावनी दी कि ऐसी सामूहिक सजा से जन-विश्वास और लोकतंत्र को आघात पहुंचता है।
परिषद ने वैश्विक मानवाधिकार संस्थानों का हवाला देते हुए कहा कि इंटरनेट पहुंच लोगों का मूल अधिकार है। उसने इन सेवाओं को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए पाकिस्तान की न्यायपालिका से अनुरोध किया है कि बलूचिस्तान के नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।