फ्रांस में विश्व के प्रमुख फिल्म उत्सव 77वें कान फिल्म महोत्सव में भारत के दो फिल्म निर्माताओं, एक अभिनेत्री और एक सिनेमेटोग्राफर ने पुरस्कार जीतकर धूम मचाई है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया है कि 30 वर्ष के इतिहास में फिल्म निर्माता पायल कपाडि़या की भारतीय फिल्म ऑल वी इमेजिन एज लाइट को महोत्सव की सर्वोच्च पुरस्कार पाल्मे डिओर के लिए नामित किया गया था। दो नर्स के जीवन के इर्द गिर्द घूमती इस फिल्म ने अपनी श्रेणी में दूसरा शीर्ष पुरस्कार ग्रां प्रि हासिल किया है। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की छात्र रही पायल कपाडि़या यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। इस फिल्म को भारत-फ्रांस सहयोग से निर्मित फिल्म का स्तर दिया गया था।
इसी संस्थान के छात्र चिदानंद एस. नाइक की 15 मिनट की लघु फिल्म सनफ्लावर्स वर द फर्स्ट वन्स टू नो के लिए ला सिनेफ श्रेणी में प्रथम पुरस्कार दिया गया है। यह फिल्म कर्नाटक के एक लोकनृत्य पर आधारित है।
इसके अलावा प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफर संतोष सिवान को महोत्सव में प्रतिष्ठित पियरे एन्जेनिएक्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह पहले एशियाई व्यक्ति हैं।
अभिनेत्री अनसुया सेनगुप्ता को फिल्म द शेमलेस में अभिनय के लिए अन सर्टेन रिगार्ड श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार दिया गया है।
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के ही छात्र मैसम अली की फिल्म इन रीट्रीट का भी प्रदर्शन महोत्सव में किया गया है।