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दिसम्बर 13, 2024 7:46 पूर्वाह्न

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फिलिस्तीन के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है: सरकार

सरकार ने कहा है कि फलीस्तीन के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और उसने हमेशा बातचीत के जरिए द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है। इससे सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर संप्रभु और स्वतंत्र फलीस्तीन की स्थापना होगी तथा इजरायल के साथ शांतिपूर्ण अस्तित्व संभव होगा।

 

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कल राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत ने पिछले वर्ष 7 अक्तूबर को इजरायल पर हुए आतंकवादी हमले और इजरायल-हमास संघर्ष में लोगों के मारे जाने की कड़ी निंदा की है।

 

भारत सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित है और उसने युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई तथा बातचीत और कूटनीति के जरिए संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने फलीस्तीन के लोगों को समय पर मानवीय सहायता पहुंचाने पर बल दिया है।

 

उन्‍होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल-फिलीस्तीन मुद्दे से संबंधित 54 प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया है और 8 प्रस्तावों पर मतदान से तटस्‍थ रहा है।

 

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया की स्थिति तथा शांति और स्थिरता पर इसके असर को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि भारत ने तनाव कम करने, संयम बरतने तथा वार्ता एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया है।

 

उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है तथा संबंधित अधिकारियों और भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमले नौवहन की स्वतंत्रता के लिये खतरा हैं तथा व्यापार पर असर डालते हैं।

 

श्री सिंह ने कहा कि सरकार बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है जिसमें आपूर्ति स्रोतों में विविधता लाना, तेल और गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत अपनाना तथा ऊर्जा उपयोग में बदलाव को आगे बढ़ाना शामिल है।