विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि भारत पिछले 11 वर्षों में प्रौद्योगिकी संचालित राष्ट्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रौद्योगिकी सम्प्रभुता भू-राजनीतिक सम्प्रभुता निर्धारित करेगी।
नई दिल्ली में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआईआर के 84वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। उन्होंने पैरासिटामोल और भारत के पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक नैफिथ्रोमाइसिन का उत्पादन करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए सीएसआईआर की सराहना की।
उन्होंने कहा कि देशभर में 37 प्रयोगशालाओं के जरिए सीएसआईआर स्वास्थ्य सेवा और औषधि से लेकर कृषि, सामग्री और रक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वैज्ञानिकों से आधुनिक संचार उपकरणों का प्रयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से नागरिकों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ने और उनके कार्य को अधिक प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करने का भी आग्रह किया।