प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बाइकबोट घोटाला मामले में 394 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ये संपत्तियां कामाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कामाख्या एजुकेशनल सोसाइटी, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी और एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर थीं। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बाइकबोट के नाम से बाइक टैक्सी सेवा की आड़ में अत्यधिक आकर्षक निवेश योजनाएं पेश की थीं।
ईडी की जांच से पता चला है कि बाइकबोट घोटाले में जुटाए गए धन को विभिन्न संबंधित कंपनियों में हस्तांतरित किया और बाद में शैक्षिक ट्रस्टों, सोसाइटियों और व्यक्तियों के माध्यम से भुनाया गया। हस्तांतरित किए गए धन का प्रयोग मेरठ में अचल संपत्तियां खरीदने और बैंकों में गिरवी रखी संपत्तियों को छुड़ाने के लिए किया गया था।