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जुलाई 27, 2024 9:13 अपराह्न

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यह प्रौद्योगिकी और भू-राजनीति तथा अवसरों के लिए परिवर्तन का दशक है- प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

 

    प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि विकसित भारत @2047 प्रत्‍येक भारतीय की महत्‍वाकांक्षा है। नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोगों से सीधे जुडे होने के कारण राज्‍य इस उद्देश्‍य को हासिल करने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी और भू-राजनीति तथा अवसरों के लिए परिवर्तन का दशक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इन अवसरों का लाभ उठाकर अंतर्राष्‍ट्रीय निवेश के लिए अनुकूल नीति बनाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि यह भारत को एक विकसित राष्‍ट्र बनाने की दिशा में प्रगति का माध्‍यम है। श्री मोदी ने कहा कि देश सही दिशा में आगे बढ रहा है। भारत ने 100 वर्ष में एक बार आने वाली महामारी पर विजय प्राप्‍त की है। उन्‍होंने कहा कि देशवासियों में पूरा उत्‍साह और विश्‍वास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत @2047 के सपनों को सभी राज्‍यों के सम्मिलित प्रयासों से पूरा किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि विकसित राज्‍य विकसित भारत बनाएंगे। श्री मोदी ने कहा कि भारत एक युवा देश है। यह अपने कार्यबल के कारण पूरे विश्‍व के लिए आकर्षण बना हुआ है। इसका उद्देश्य युवाओं को कुशल और रोजगारपरक कार्यबल बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लिए कौशल, अनुसंधान, नवाचार और रोजगार आधारित जानकारी की आवश्‍यकता है। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता का कारण योग्य मापदंडों की निरंतरता और ऑनलाइन निगरानी है, जिससे विभिन्न सरकारी योजनाओं में इसके प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुई। उन्‍होंने जल संसाधन के प्रभावी उपयोग के लिए राज्‍य स्‍तर पर नदी ग्रिड बनाने को प्रोत्‍साहन दिया। श्री मोदी ने कहा कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति, मुद्रा योजना, पीएम विश्‍वकर्मा, पीएम स्‍वनिधि, आपराधिक न्‍याय प्रणाली जैसे सुधारों का उपयोग भारतीय समाज और अर्थव्‍यवस्‍था में युगांतकारी परिवर्तन लाने के लिए किया जाना चाहिए।

     नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक राष्‍ट्रपति भवन के सांस्‍कृतिक केंद्र में आयोजित की गई। नीति आयोग के अध्‍यक्ष श्री मोदी ने इस बैठक की अध्‍यक्षता की। इस बैठक में सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्‍यपाल, पदेन सदस्‍य के रूप में केंद्रीय मंत्री और विशेष आमंत्रित सदस्‍य तथा नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष सुमन बेरी तथा सदस्‍यों ने  भागीदारी की। भारत को एक विकसित राष्‍ट्र बनाने पर ध्‍यान केंद्रित करने के साथ इस वर्ष की बैठक का विषय था विकसित भारत @2047 । शासी परिषद की बैठक में विकसित भारत @2047 पर दृष्टिपत्र के प्रस्‍ताव पत्र पर चर्चा हुई। इस बैठक का उद्देश्‍य केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच सहयोग और शासन को बढावा देना था। इसका उद्देश्‍य सरकारी हस्तक्षेपों के प्रतिपादन तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों की जनसंख्‍या के लिए जीवन की गुणवत्‍ता को बढावा देना भी था। इस बैठक में विकसित भारत @2047 के लक्ष्‍य को हासिल करने में राज्‍यों की भूमिका पर विस्‍तार से चर्चा हुई। नीति आयोग ने कहा है कि सकल घरेलू उत्‍पाद पांच ट्रिलियन डॉलर के आंकडे को पार करने के साथ भारत विश्‍व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्‍यवस्‍था बनने की राह पर अग्रसर है। भारत की आकांक्षाएं वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने की है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच एक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्‍यकता होगी। नौवीं शासी परिषद की बैठक का उद्देश्‍य टीम इंडिया के रूप में केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच टीम वर्क को बढावा देना और इस उद्देश्‍य की रूप-रेखा तैयार करना है। नीति आयोग की शासी परिषद ने पिछले वर्ष दिसंबर में हुए मुख्‍य सचिवों के तीसरे राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन की अनुशंसाओं पर भी ध्‍यान केंद्रित  किया।

    शाम को नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष सुमन बेरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राज्‍यों को प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के लिए प्रतिस्‍पर्धा करने पर बल दिया। इससे विशेष रूप से कम सफल राज्‍यों तक निवेश पहुंच सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि श्री मोदी सभी जिलों को विकास का संचालक बनाने चाहते हैं।

    नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्‍यम ने कहा कि इस बैठक में 26 राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भागीदारी की जबकि 10 राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेश अनुपस्थित रहे। बैठक में भागीदारी न करने वाले राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्‍ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुद्दुचेरी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि बैठक में जनसांख्यिकी प्रबंधन और शून्‍य निर्धनता की पद्धति पर भी चर्चा हुई। श्री सुब्रमण्‍यम ने कहा कि पिछले वर्ष बहुत से राज्‍य दृष्टिपत्र तैयार करने में आगे आए हैं।