प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के कोयंबटूर में देश भर के नौ करोड़ किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए 18 हज़ार करोड़ रुपये की पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी की। प्रधानमंत्री ने आज कोयंबटूर स्थित कोयम्बटूर जिला लघु उद्योग संध-कोडिसिआ व्यापार मेला परिसर में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में कृषि क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश प्राकृतिक खेती का वैश्विक केंद्र बन रहा है और इसकी जैव विविधता एक नया आकार ले रही है। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात दोगुना हो गया है और सरकार ने कृषि पद्धतियों के आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि जैव-उर्वरकों पर जीएसटी में कमी से भी किसानों को काफी मदद मिली है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के युवा अब कृषि को एक आधुनिक और व्यापक अवसर के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विकसित भारत के लिए एक भविष्योन्मुखी कृषि प्रणाली बनाने हेतु समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे एक मौसम में एक एकड़ भूमि पर प्राकृतिक कृषि पद्धति अपनाएँ और इसके अद्भुत परिणाम देखें।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि तमिलनाडु के 22 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित हुए हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने किसानों से बातचीत भी की। उन्होंने पाँच प्रतिष्ठित प्राकृतिक कृषि विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया। प्रदर्शनी में जैविक उत्पादों, प्राकृतिक कृषि नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के किसानों द्वारा लगाए गए कई स्टॉलों का दौरा किया।