प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को स्टार्टअप, उद्यमियों और युवा सोच के लिए खोल दिया है। उन्होंने कहा कि आज भारत में 250 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं और वे उपग्रह प्रौद्योगिकी, प्रणोदन प्रणाली, इमेजिंग और अन्य क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
अंतरिक्ष अन्वेषण पर वैश्विक सम्मेलन के लिए अपने वीडियो संदेश में श्री मोदी ने कहा कि भारत वैज्ञानिक अन्वेषण की उम्मीदों से कहीं आगे नए आत्मविश्वास के साथ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान, देश की बढ़ती आकांक्षाओं को उजागर करता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले हफ्तों में, एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री इसरो-नासा के संयुक्त मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। श्री मोदी ने कहा कि 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन अनुसंधान और वैश्विक सहयोग में नए मोर्चे खोलेगा।
उन्होंने कहा कि 2040 तक एक भारतीय चांद पर कदम रखेगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने एक ही मिशन में 100 उपग्रह प्रक्षेपित किए और भारतीय प्रक्षेपण वाहनों पर 34 देशों के 400 से अधिक उपग्रह प्रक्षेपित किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक साथ उच्च स्तर तक पहुँचने के लिए है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष सिर्फ एक गंतव्य नहीं है, बल्कि जिज्ञासा, साहस और सामूहिक प्रगति की घोषणा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां इसी भावना को दर्शाती हैं, जिसमें 1963 में एक छोटा रॉकेट लॉन्च करने से लेकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला राष्ट्र बनना शामिल है।
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत के लिए अंतरिक्ष सिर्फ अन्वेषण के बारे में नहीं है, बल्कि सशक्तिकरण के बारे में भी है, प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शासन को बढ़ाती है, आजीविका में सुधार करती है और पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
उन्होंने प्रत्येक भारतीय के कल्याण को सुनिश्चित करने में उपग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान दिया, जिसमें मछुआरों के अलर्ट, गतिशक्ति मंच, रेलवे सुरक्षा और मौसम पूर्वानुमान में उनके योगदान का हवाला दिया।