प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तिरूवनंतपुरम में गहरे पानी के बहुद्देशीय अंतर्राष्ट्रीय सीपोर्ट विरिंग्यम् बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह भारत का पहला अर्ध-स्वचालित बंदरगाह है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह भारत के समुद्री आधारभूत ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि विरिंग्यम् बंदरगाह आधुनिकता के साथ विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है और यह केरल तथा देश को कई तरह से लाभांवित करेगा। श्री मोदी ने कहा कि इससे बडे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता भी आयेगी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि विरिंग्यम् बंदरगाह ट्रांसशिपमेंट की क्षमताओं को तीन गुना बढा देगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बंदरगाह के संचालन भवन का दौरा किया और नियंत्रण प्रणालियों का निरीक्षण किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विरिंग्यम् बंदरगाह ने तीसरी सहस्राब्दी की विकास संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं।
इस समारोह में केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी, जॉर्ज कुरियन, राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
विरिंग्यम् बंदरगाह परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत आठ हजार नौ सौ करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित किया गया है। विरिंग्यम् बंदरगाह केरल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके पहले चरण के निर्माण कार्य का बड़ा हिस्सा दिसंबर, 2024 में ही पूरा हो गया था।