अप्रैल 8, 2025 1:03 अपराह्न

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना ने वित्‍तीय स्थिरता से समझौता किये बिना उद्यमिता को बढ़ावा दिया

मुद्रा योजना में फंसे हुए ऋण-एनपीए की दर इस तरह की योजना के मामले में दुनिया में सबसे कम है। अंग्रेजी दैनिक से साक्षात्‍कार में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत उपलब्‍ध कराए गये केवल तीन दशमलव पांच प्रतिशत ऋण ही एनपीए में बदले गये हैं, जो इस तरह की योजना के मामले में पूरी दुनिया में सबसे कम डिफॉल्‍ट रेट है।

श्री मोदी ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान बैंको पर ऐसे बड़े लोगों की तरफदारी करने का दबाव था, जो सत्‍ता केन्‍द्रों के निकट थे। उन्‍होंने कहा कि मुद्रा योजना ने संसाधनों को जमीनी स्‍तर तक पहुंचाया और वित्‍तीय स्थिरता से समझौता किये बिना उद्यमिता को बढ़ावा दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना व्‍यापक दृष्टिकोण का अंग है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्‍तर पर उद्यमियों की क्षमता, नवाचार, सृजनात्‍मकता और स्‍वावलम्‍बन का सम्‍मान और समर्थन किया जाए।

उन्‍होंने कहा कि मुद्रा योजना के जरिये सरकार प्रत्‍येक भारतीय को ये संदेश देना चाहती थी कि केन्‍द्र सरकार उनकी आकांक्षाएं पूरी करने की यात्रा में गारंटी के रूप में उनके साथ खड़ी है।

बैंकिंग प्रणाली के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के बैंक अच्‍छी स्थिति में हैं और निरन्‍तर बैंकिंग सुधारों तथा एनपीए के संकट से निपटने में सरकारी सहायता के कारण उनमें से ज्‍यादातर रिकॉर्ड लाभ की स्थिति में हैं।

उन्‍होंने कहा कि पिछले दशक में मुद्रा, पीएम स्‍वनिधि और स्‍टेण्‍डअप इंडिया सहित विभिन्‍न कार्यक्रमों से बैंको की स्थिति में सुधार हुआ है।

उन्‍होंने कहा कि इन योजनाओं के कारण भारत की बैंकिंग प्रणाली छोटे उद्यमियों की आवश्‍यकताएं पूरी करने के लिए अधिक जिम्‍मेदार हुई हैं।

श्री मोदी ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि जमीनी स्‍तर पर वित्‍तीय समावेश और उद्यमि‍ता का समर्थन सुनिश्चित करने के सफर में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र सशक्‍त भागीदार बना रहेगा।