मार्च 28, 2025 6:54 अपराह्न

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि “भारत प्रथम” देश की विदेश नीति का मूल मंत्र बन गया है

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि “भारत प्रथम” देश की विदेश नीति का मूल मंत्र बन गया है। भारत, अब न केवल विश्व व्यवस्था में भाग ले रहा है, बल्कि भविष्य को आकार देने और उसे सुरक्षित करने में भी योगदान दे रहा है। श्री मोदी आज नई दिल्ली में एक निजी टीवी चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले भारत की विदेश नीति सभी से दूरी बनाए रखने की थी, लेकिन अब सभी के साथ मिलकर काम करने की है।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एकाधिकार से अधिक मानवता को प्राथमिकता दी है और समान भागीदारी सुनिश्चित करते हुए 21वीं सदी एक नयी विश्‍व व्‍यवस्‍था के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि अब भारत केवल सपनों का देश नहीं है, बल्कि ऐसा देश भी है जो काम करके दिखाता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है क्योंकि यह देश दुनिया की एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसने केवल 10 वर्षों में अपने सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना कर दिखाया है। उन्‍होंने कहा कि भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवा कौशल प्राप्त कर रहे हैं और नवाचार को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दुनिया को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए, जिनमें से एक बडा मुददा ऊर्जा संसाधनों का है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी स्थापना ऊर्जा संकट से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि छोटे देश भी सतत ऊर्जा से लाभान्वित हो सकें। श्री मोदी ने कहा कि इस पहल का जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और ग्‍लोबल साउथ के देशों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि कहा कि 100 से अधिक देश पहले ही इस प्रयास में शामिल हो चुके हैं।

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