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जनवरी 6, 2025 9:14 पूर्वाह्न

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प्रधानमंत्री ने कहा – भारत में दुनिया का स्वास्थ्य और आरोग्‍य केन्‍द्र बनने की अपार क्षमता, ‘हील इन इंडिया’ जल्द ही भारत का नया मंत्र होगा

 
 
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कल वर्चुअल माध्यम से नई दिल्ली के रोहिणी में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के नए भवन की आधारशिला रखी। नए अत्याधुनिक भवन का निर्माण करीब 185 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। 2.92 एकड़ में फैली यह सुविधा परंपरा और नवाचार का मिश्रण होगी, जो समग्र उपचार, विशेष क्लीनिक और कौशल विकास के नए अवसर प्रदान करेगी। 
 
अपने संबोधन में श्री मोदी ने गरीब से गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने के लिए सरकार के फोकस पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आयुष और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में आयुष प्रणाली का विस्तार 100 से अधिक देशों में हुआ है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित पहला विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संस्थान भारत में स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पहले, उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया की स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की राजधानी बनने की क्षमता है। श्री मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया “हील इन इंडिया” को “मेक इन इंडिया” की तरह एक मंत्र के रूप में अपनाएगी। 
 
कार्यक्रम में बोलते हुए आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाएगी, जिससे देश भर में लाखों लोगों के जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।

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