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नवम्बर 19, 2024 1:29 अपराह्न

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ की दुर्दशा पर जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अल्प विकसित और विकासशील देश- ग्लोबल साउथ की दुर्दशा पर बल देते हुए ब्राजील के रियो दी जिनेरियो में जी-20 शिखर सम्मलेन को संबोधित किया। उन्होंने वैश्विक संघर्षों का खाद्य, ईंधन, और उर्वरक आपूर्ति पर पडने वाले प्रतिकूल प्रभावों का उल्लेख करते हुए ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों को प्राथमिकता देने का आग्रह जी-20 देशों से किया।

   

भुखमरी और निर्धनता के विरूद्ध लडाई और सामाजिक समावेशन पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने वैश्विक संघर्षों का ग्लोबल साउथ के देशों पर पडने वाले प्रतिकूल प्रभावों का उल्लेख किया।

   

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान लिए गए जन केंद्रित निर्णयों को आगे बढाने के लिए ब्राजील की सराहना भी की। उन्होंने भारत के जी-20 विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की टिकाऊ प्रासंगिकता की पुष्टि की। श्री मोदी ने समावेशी वैश्विक शासन सुधारों का आह्वान किया।

   

यह शिखर सम्मेलन 80 राष्टों के समर्थन से निर्धनता और भुखमरी से निपटने के लिए वैश्विक गठबंधन के शुभारंभ का साक्षी बना। एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने इस पहल को सराहनीय बताया। यह पहल खाद्य सुरक्षा और समाजिक उन्नयन प्रयासों के प्रति भारत के पूर्ण सहयोग की पुष्टि करती है।

   

भारत की घरेलू उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को निर्धनता से उबारा गया है। देश में 80 करोड नागरिकों को निःशुल्क अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, 55 करोड़ नागरिकों को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ बीमा योजना का लाभ दिया गया है।

   

श्री मोदी ने अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों को दी जाने वाली सहायता सहित वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत के योगदान को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल जन अवसंरचना और आकांक्षी विकास कार्यक्रम समावेशी विकास को बढावा दे रहे हैं।

   

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ की आवाज को मुखर करने के लिए वैश्विक शासन में सुधारों की आवश्यकता को दोहराते हुए अपने संबोधन को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को इसमें शामिल करके एक ऐतिहासिक पहल की है।

 

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