प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर गश्त की व्यवस्था के बारे में हाल में हुए समझौते को देखते हुए इस बैठक का महत्व बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच पिछले पांच वर्ष में यह पहली सुनियोजित बैठक होगी। श्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कल रूस और ईरान के राष्ट्रपतियों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की थी। श्री मोदी ने इन दोनों देशों के मामले में मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध से कोई समाधान संभव नहीं है। श्री पुतिन के साथ अपनी बैठक में श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में सहायता करने को तैयार है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी मुलाकात से राष्ट्रपति पुतिन को अवगत कराया और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति कायम करने में योगदान का इच्छुक है।
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले श्री मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के बीच भी बैठक हुई। उन्होंने पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा की। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि श्री मोदी ने बढ़ते संघर्ष पर गंभीर चिंता प्रकट की और नागरिकों की सुरक्षा की आवश्यकता के बारे भारत का दृष्टिकोण दोहराया। उन्होंने तनाव दूर करने के लिए वार्ता और कूटनीतिक उपायों पर बल दिया। श्री मिस्री ने बताया कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के बारे में भी विचार-विमर्श किया और वहां के लोगों के लिए मानवीय सहायता जारी रखने के साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर बल दिया।
श्री मोदी ने ईरान के साथ सदियों पुराने संबंधों को और सुदृढ करने के प्रति भारत की वचनबद्धता भी दोहराई। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के बारे चर्चा की।
हमारे संवाददाता ने कजान से खबर दी है कि भारत अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में शांति कायम करने वाले देश के रूप में उभरा है।