प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की अपनी दो दिन की यात्रा के दूसरे दिन आज तमिलनाडु के अरियालुर जिले में महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के उपलक्ष्य में आदि तिरुवथिरई उत्सव के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण और भारत की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि राजा चोल और राजेंद्र चोल के नाम भारत की पहचान और गौरव के पर्याय हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत के महानतम सम्राटों में से एक, राजेंद्र चोल प्रथम के सम्मान में एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। संगीतकार इलैयाराजा ने भी इस कार्यक्रम में प्रस्तुति दी।
प्रधानमंत्री ने एक भव्य रोड शो भी किया। मार्ग के दोनों ओर भारी भीड़ जमा थी, झंडे लहरा रहे थे और उनके स्वागत में नारे लगा रहे थे। पूरे गाँव में उत्सव का नजारा दिखा रहा था, मंदिरों का शहर फूलों, पारंपरिक पताकाओं और चोल-युग की आकृतियों से खूबसूरती से सजाया गया था।
आज का समारोह राजेंद्र चोल प्रथम के दक्षिण-पूर्व एशिया के समुद्री अभियान और यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण की 1000वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है। आदि तिरुवथिरई महोत्सव 2025 राजेंद्र चोल प्रथम की चिरस्थायी विरासत और चोल वंश की सांस्कृतिक प्रतिभा को भव्य श्रद्धांजलि है। आदि तिरुवथिरई नक्षत्रम तमिल कैलेंडर में, विशेष रूप से शैव परंपराओं में, एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के जन्म नक्षत्र का प्रतीक है। यह तमिल महीने आदि के दौरान मनाया जाता है और तिरुवथिरई नक्षत्रम से जुड़ा है।