प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से छोटे शहरों में उद्यमियों के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए पहल करने को कहा है। कल नई दिल्ली में राज्यों के मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में श्री मोदी ने अनुपालन को सरल बनाने को कहा ताकि लोगों को उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने मुख्य सचिवों से राज्यों को जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शासन के मॉडल में सुधार करने को कहा। श्री मोदी ने यह भी कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही आम लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में सूचित करना भी महत्वपूर्ण है।
सर्कुलर इकोनॉमी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात की सराहना की कि गोबरधन कार्यक्रम को अब बड़े ऊर्जा संसाधन के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने पाया कि यह पहल अपशिष्ट को धन में परिवर्तित करने के साथ ही वृद्ध मवेशियों को दायित्व के बजाय संपत्ति बनाती है। उन्होंने राज्यों को ई-कचरे के पुनर्चक्रण के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण की अवधारणाओं का पता लगाने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट के तहत मोटापे को देश में बड़ी चुनौती के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिट और स्वस्थ भारत ही विकसित राष्ट्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आकांक्षी जिलों और ब्लॉक कार्यक्रम के बारे में कहा कि इन ब्लॉकों और जिलों में तैनात सक्षम अधिकारी जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकते हैं।
दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के 13 से 15 दिसंबर तक तीन दिवसीय सम्मेलन में इस बात पर चर्चा की गई कि भारत के सेवा क्षेत्र, खासकर छोटे शहरों की क्षमता का दोहन करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का बड़ा लाभ यह रहा कि टीम इंडिया खुले दिमाग से चर्चा के लिए एक साथ आई जो विकसित भारत के लिए मिलकर काम कर रही है।